देहरादून। चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं के ताबड़तोड़ हो रहे पंजीकरण से जीएमवीएन की एडवांस बुकिंग भी 13 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। जीएमवीएन को इस बार बुकिंग 100 करोड़ के पार पहुंचने की है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस बार चार धाम यात्रा के सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त होंगे। 1489441 श्रद्धालु अभी तक अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जिस तरह बड़ी संख्या में यात्री पंजीकरण करवा रहे हैं, उससे साफ है कि इस बार नया रिकॉर्ड बनेगा। चार धाम यात्रा में पिछले साल 54.82 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार यात्रा शुरू होने से पहले ही यात्रा मार्गो पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों की बुकिंग में भी लगातार इजाफा हो रहा है। 22 फरवरी 2024 से अभी तक 13 करोड़ की बुकिंग हो चुकी है। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 अप्रैल से पंजीकरण शुरू किए गए हैं।
अभी तक गंगोत्री के लिए 273691, यमुनोत्री 249864, केदारनाथ 512976, बदरीनाथ 429949 और हेमकुण्ड साहिब के लिए 22961 यात्रियों ने पंजीकरण करा लिए हैं। कुल 1489441 श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कराया है। मुख्यालय में बनाया गया स्टेट लेवल कंट्रोल रूम: चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय में स्टेट लेवल कंट्रोल रूम बनाया गया है। ये कंट्रोल रूम सुबह सात बजे से रात दस बजे तक संचालित होगा।
इस कंट्रोल रूम से श्रद्धालुओं को मौसम, सड़क अवरुद्ध, बुकिंग समेत हर तरह की जानकारी मिल सकेगी। दर्शन को टोकन, स्लॉट की व्यवस्था: पर्यटन मंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं को देव दर्शनों के दौरान लम्बी कतारों और अधिक समय इंतजार न करना पड़े, इसके लिए टोकन, स्लॉट की व्यवस्था की गई है। पंजीकरण, टोकन, सत्यापन व्यवस्था को कार्यरत एजेन्सी और पर्यटन विभाग के अफसर धामों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थान चयनित करेंगे।
श्रद्धालुओं को एक घंटे से अधिक का इंतजार नहीं करना होगा। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान: महाराज ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया जाएगा। वर्तमान में सुलभ इन्टरनेशनल संस्था के माध्यम से 1584 सीटों वाले 147 स्थाई शौचालयों की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त गंगोत्री, यमुनोत्री मार्ग पर 82 सीट, रूद्रप्रयाग में विभिन्न स्थलों पर निर्मित कुल 251 सीट, चमोली यात्रा मार्ग पर 60 सीट और हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर 80 सीट स्टील फ्रेम शौचालयों का संचालन किया जा रहा है। यात्रा काल में 115 उपनल और पीआरडी के माध्यम से पर्यटक सुरक्षा, सहायता मित्रों की तैनाती की जा रही है।