देहरादून : पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। वहीं, कांग्रेस ने भी अग्रवाल समेत अन्य नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस में नेतृत्व का अभाव है, जिससे वहां रहना संभव नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के कामों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए।
रविवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दिनेश अग्रवाल ने भाजपा का दामन थामा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक नरेश बंसल, पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक, हरिद्वार सीट से पार्टी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल की अगुवाई में अग्रवाल ने भाजपा की सदस्यता ली।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा, देश के विकास मिशन में योगदान और सहयोग देने के लिए कई दलों के लोग भाजपा में आ रहे हैं। जिस तरह का माहौल नजर आ रहा है और जो फीडबैक मिल रहा है। उससे पांचों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जमानत बचानी मुश्किल है। एक के बाद एक कांग्रेस के बड़े नेताओं के भाजपा में आना बताता है कि उत्तराखंड में कांग्रेस मुक्त अभियान सफल होने जा रहा है।
मोदी जैसा कोई नेता इस कालखंड में नहीं
दिनेश अग्रवाल ने कहा, 1968 से उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन कांग्रेस में शुरू किया, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व विहीन हो चुकी है। इससे किसी भी वैचारिक और जनता से जुड़ाव रखने वाले व्यक्ति के लिए कांग्रेस में रहना अब संभव नहीं है। कहा, मैं जहां भी जाता हूं, मुझे सब जगह एक ही बात सुनाई देती है कि मोदी जैसा कोई भी नेता इस कालखंड में नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह निस्वार्थ भाव से भाजपा में आए हैं।
ये भी हुए शामिल
अग्रवाल के साथ चंद्रपाल पुंडीर, ब्रह्मदत्त शर्मा, निवर्तमान पार्षद मामचंद, राजेश परमार, उषा चौहान, सुनील कुमार, गुरमीत सिंह बग्गा, अजय शर्मा, सुनील कुमार, बलराज मित्तल, वीरेंद्र कुमार, भगवान सिंह बिष्ट, सुरेंद्र पाल, पिथौरागढ़ के लोहाघाट से आनंद सिंह अधिकारी समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए।
कांग्रेस ने किया छह साल के लिए निष्कासित
प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, निवर्तमान पार्षद राजेश परमार व मामचंद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने बताया, पार्टी के इन नेताओं की लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। इस पर पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया।
जानिए दिनेश अग्रवाल के बारे में
दिनेश अग्रवाल 1993 और 1996 में उत्तर प्रदेश के समय देहरादून विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हरबंस कपूर से हार गए। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 में लगातार दो चुनाव में उन्होंने लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी को हराया। फिर 2012 में धर्मपुर विधानसभा सीट पर प्रकाश ध्यानी को हराकर विधायक बने। 2017 के चुनाव में वह भाजपा के विनोद चमोली से हार गए।
इसके बाद 2018 में मेयर नगर निगम का चुनाव भी हार गए। इन दो हार के बाद से दिनेश अग्रवाल पार्टी में तो रहे, लेकिन उनकी भूमिका ज्यादा प्रभावशाली नहीं थी। पिछले कुछ दिनों से उनके बगावती सुर सुनने को मिलने लगे थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें मनाने की पुरजोर कोशिश की।