देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल के दो साल का कार्यकाल शनिवार 23 मार्च को पूरा हो गया। इन दो सालों में सरकार के कार्यों की बदौलत भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों की लॉटरी निकल गई है। दो साल के ऐतिहासिक काम भाजपा की लोकसभा जीत की गारंटी बन गई है। ये दो साल का कार्यकाल न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि राज्य से बाहर निकल कर भी भाजपा की जीत का एजेंडा तय कर गया है।
पीएम मोदी की प्रचंड लहर के बीच धामी सरकार के कामों ने जीत पर पूरी तरह मुहर लगा दी है। भाजपा के केंद्रीय संगठन ने भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय के मुख्य एजेंडे कॉमन सिविल कोड को लागू करने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को दी। सीएम धामी ने भी इस ऐतिहासिक काम को बखूबी अंजाम दिया।
कॉमन सिविल कोड का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन कर संपूर्ण उत्तराखंडियों को गर्व से खुद को उत्तराखंडी कहने का मौका दिया। इन दो सालों के कार्यकाल में सरकार की उपलब्धि सिर्फ कॉमन सिविल कोड ही नहीं है, बल्कि जबरन अवैध धर्मांतरण विरोधी कानून बना कर देवभूमि उत्तराखंड के सौहार्द को कायम रखने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
देवभूमि की तेजी से बदलती डेमोग्राफी को बचाने की दिशा में ऐसा सख्त कानून बनाया, जो आने वाले सालों में उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इन्हीं दो सालों में उत्तराखंड के युवाओं को पारदर्शी भर्ती का सिस्टम तैयार कर दिया। पहले चरण में एक के बाद एक 100 के करीब नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा। उसके बाद रुह कंपा देने वाला सख्त नकल विरोधी कानून बना कर नकल माफिया के ताबूत में आखिरी निर्णायक कील भी ठोक दी।
सरकारी जमीनों, सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर एक बड़ा संदेश दिया। अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करते हुए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। वनभूलपुरा में न सिर्फ अवैध निर्माण ध्वस्त किए, बल्कि मौत का तांडव रचने वालों को भी जेल की सलाखों के पीछे भेज कर सख्त संदेश दिया। सरकार ने न सिर्फ सख्त प्रशासनिक तेवर दिखाए, बल्कि कानून व्यवस्था को भी लाइन पर रखा।
सीएम धामी के इन दो साल के कार्यकाल में ही तेजी से उभरते, आगे बढ़ते उत्तराखंड का मजबूत प्लेटफार्म तैयार हुआ। सफल इनवेस्टर समिट के जरिए विकसित उत्तराखंड की बुनियाद रखी। पॉवर, टूरिज्म, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत हर क्षेत्र में देश, विदेश से बड़े पैमाने पर निवेश आया। ये निवेश आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की तस्वीर बदल कर रखने का माद्दा रखता है।
उत्तराखंड के 24 साल के समय में ये पहला मौका है, जब किसी सरकार में राज्य की नौकरशाही पूरी तरह पटरी पर है। जो बेलगाम नौकरशाही पिछले 21 सालों में पटरी पर नहीं आ पाई, वो इस बार पूरी तरह राइट टाइम है। पिछली सभी सरकारों में एक दो नौकरशाह और कुछ खास लोगों के आस पास सरकारों का काम काम घूमता रहता था, वो छूट इस बार किसी भी नौकरशाह को नहीं है।