देहरादून। भाजपा ने यूसीसी को राष्ट्रपति की मंजूरी पर खुशी जताते हुए, प्रदेशवासियों को समान कानून का अधिकार मिलने पर बधाई दी है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विपक्ष पर यूसीसी को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते। हुए कहा कि जो अवैध रूप से बसे रोहिंग्या मुस्लिमों का समर्थन करते हैं उन्हें अब वैध रूप से हिंदुओं एवं अन्य धर्मों के लोगों की नागरिकता पर आपत्ति है।
भट्ट ने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून पर राष्ट्रपति की मुहर लगने से प्रदेश में खुशी की लहर छाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में जनता से किया हमारा एक और वादा आज पूर्णतया साकार हो गया है। उन्होंने इस पूरी मैराथन कोशिश और ऐतिहासिक कदम के लिए मुख्यमंत्री धामी और इस कानून पर अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का आभार व्यक्त किया है ।
उन्होंने समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से सवा करोड़ देवभूमिवासियों को एक समान कानूनी अधिकार मिलने पर बधाई दी है । साथ ही कहा कि हम आजादी के बाद यूसीसी को लागू करने वाले देश का पहला राज्य बने हैं । उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कानून पर हमारे अनुभव देश में समान नागरिक संहिता कानून की राह को अधिक अधिक प्रशस्त करने में मददगार होगा।
इस संबंध में उन्होंने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया । उन्होंने जोर देते हुए कहा, भारतीय संस्कृति और देवों की भूमि उत्तराखंड से इस कानून की शुरुआत के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान है। विरोध करने वाले नही चाहते कि मातृ शक्ति को उचित अधिकार मिले एवं विभिन्न धर्मों में धार्मिक कुरीतियां से महिलाओं का शोषण होता रहे।
उन्होंने यूसीसी लागू होने पर कांग्रेस के आरोपों को तुष्टिकरण की नीति से प्रेरित बताया। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह अनेकों बार स्पष्ट कर चुके हैं कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नही है । इसके लागू होने से किसी भी भारतीय की नागरिकता नही जाएगी । लेकिन विपक्ष समाज के एक बड़े तबके में नागरिकता जाने का झूठ और भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने निशाना साधा कि ये वही लोग हैं जो अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले रोहंगिया मुस्लिमों का समर्थन करते हैं, इन्हे विरोध की आड़ में रोहंगिया लोगों द्वारा मुंबई स्थित शहीद स्मारक में तोड़फोड़ करने में कुछ भी गलत नही लगता है, इन्हे देश के कई राज्यों में उनके आतंकी घटनाओं में लिप्त होने पर भी कष्ट नहीं होता है।
लेकिन जब पड़ोसी देश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिंदुओं, सिक्खों, ईसाइयों को वैध तरीके से संरक्षण दिया जाता है तो उन्हे कष्ट होता है। दरअसल आपत्ति किसी समुदाय को नही है लेकिन वोट बैंक के लिए इस मुद्दे पर भी तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए कांग्रेस भ्रम फैला रही है । लेकिन जनता बखूबी जानती है कि इस मुद्दे पर उन्होंने भाजपा को आशीर्वाद दिया है और उसी क्रम में पूरी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसे लागू किया गया है।