हरिद्वार। उत्तराखंड की धार्मिक नगरी में स्थित परमार्थ आश्रम, सप्तऋषि घाट, भारत माता मंदिर के पास, हरिद्वार में हर वर्ष की भांति इस बार भी पवित्र गंगा नदी के तट पर महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया गया। नीदरलैंड से हरिद्वार आए इंटरनेशनल आदि शंकराचार्य रिसर्च एंड अवेयरनेस फाउंडेशन के प्रमुख परम पूज्य महर्षि केशवानंद महाराज ने शुक्रवार शाम 7 बजे से वैदिक मंत्रों के साथ रुद्री पाठ का जाप कर रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू की, जो कि सुबह 5 बजे तक चली।
परम पूज्य महर्षि केशवानंद ने कहा कि महाशिवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि शिव की शक्ति का उत्सव है, जिन्होंने दुनिया को बचाने के लिए अपना सर्वस्व दे दिया। यह अपने अंदर सद्भाव और विजय का सार समेटे हुए है। इसलिए जरूरी है कि हम इसके माध्यम से अपने जीवन में अच्छाई, सकारात्मकता और शांति लाने के लिए प्रेरित हों।
उन्होंने बताया कि विशेष शिव पूजा में 1400 किलो ताजे फूल, 201 किलो शुद्ध देसी घी, 501 लीटर ताजा गाय का दूध, 501 बेलपत्र, धतूरा और भांग के पत्ते, 201 लीटर ताजा दही, 101 किलो शुद्ध शहद, 101 किलो बासमती चावल, 101 किलो मिश्री (चीनी) का उपयोग करके महाशिवरात्रि रुद्राभिषेक किया गया। इसके साथ ही 51 किलो मौसमी फल, 51 लीटर शुद्ध गुलाब जल, 201 किलो प्रसाद और पुजारियों के लिए 51 नई जोड़ी धोती और कुर्ता भेंट किया गया।
इस अवसर पर पवित्र गंगा नदी की दिव्य रेत से लगभग 3 फीट लंबे 12 हस्तनिर्मित शिवलिंग तैयार किए गए थे। प्रत्येक शिवलिंग को मौसमी फूलों के साथ गुलाब, गेंदा और ऑर्किड के सावधानीपूर्वक चुने गए सुंदर फूलों से खूबसूरती से सजाया गया। इनमें भगवान शिव के पसंदीदा रुद्राक्ष से सजाया गया शिवलिंग आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा। भव्य रुद्राभिषेक में कई अन्य विद्वान पुजारियों और 200 से ज्यादा भक्तों ने हिस्सा लिया।