चमोली (प्रदीप लखेड़ा): कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य प्रो. कुलदीप नेगी ने कहा कि सरकारी नौकरी की घटती हुई संख्या को देखते हुए युवाओं को अब उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाने शुरू करने चाहिए। कार्यक्रम में गुजरात से आए उद्यमिता विशेषज्ञ सुमित कुमार मिश्रा ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, भेद पालन, जूस उत्पादन, जड़ी बूटी उत्पादन, अगरबत्ती धूप उत्पादन, रिंगाल उत्पाद, होम स्टे की अत्यधिक संभावनाएं हैं इसलिए युवाओं को इस दिशा में अपने विचार विकसित करने चाहिए।
अतिथि वक्ता के रूप में स्थानीय उद्यमी, व्यापार संघ अध्यक्ष गोपेश्वर विनोद जोशी ने कहा कि अगर युवाओं में बाजार की मांग के अनुरूप जोखिम लेने का साहस हो तो उद्यम शुरू करने के लिए विभिन्न तरह के सरकारी ऋण भी उपलब्ध हैं। इसलिए युवाओं को पूंजी से ज्यादा अपने व्यावसायिक मॉडल की चिंता करनी चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक डॉ रोहित वर्मा ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यमिता की ओर मोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की है जिसमे युवाओं को व्याज मुक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर डॉ बीपी देवली, डॉ एसके लाल, डॉ डीएस नेगी, डॉ दीपक दयाल, डॉ संध्या गैरोला, डॉ रूपेश कुमार, डॉ हर्षी खंडूरी, डॉ पीएल शाह, डॉ भावना मेहरा, डॉ रंजू बिष्ट, डॉ पूनम टाकुली, डॉ सरिता पंवार, डॉ राकेश मिश्रा, डॉ अभय कुमार, डॉ घनश्याम सिंह, डॉ सुदीप्ता, डॉ सुनील भंडारी, डॉ मनीष मिश्रा, डॉ रविशंकर कुनियाल आदि उपस्थित रहे।