देहरादून। 10 जनवरी, विश्व हिन्दी दिवस पर आज “धरातल” संस्था ने हिन्दी सेवियों को सम्मानित किया। जनकवि डा. अतुल शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी पहचान है , हिंदी अपनी विशेषताओं के दम पर विश्व में अपना विशेष स्थान प्राप्त कर लोकप्रियता प्राप्त कर रही है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व कवि डॉ.वी.डी.शर्मा को शाल, पुस्तक और पुष्प देकर सम्मानित किया गया।
वृंदा एंनकलेव, बंजारावाला में आयोजित हुई गोष्ठी में डॉ.शर्मा ने कहा कि हिन्दी का विस्तार विश्व भर में हो रहा है, यह हमारा गौरव है।
उन्होंने कहा कि आगामी 22 जनवरी को भगवान राम लला अपने मूल जन्म स्थान में विराजमान होने जा रहे हैं। यह दिन विश्वभर के सनातन प्रेमियों के लिए आत्म सम्मान व राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इस दिन को हमें महापर्व दीपावली की भांति मनाना चाहिए।
इस अवसर पर कवयित्री रंजना शर्मा ने काव्य पाठ किया, “कोशिशे तो सदा आसमां की करें, बात जब भी करें, तो ज़मी की करे”।
जनकवि डा. अतुल शर्मा ने कविता सुना कर माहौल को सार्थक बनाया_”अपनी राह कबीरो वाली, जाये सभी के द्वारे,,, हम बंजारे / हम बंजारे।
कहानीकार रेखा शर्मा ने हिन्दी को स्वाधीनता संग्राम से देश को जोड़ने का कार्य किया है, कार्यालयों में हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार हो रहा है,,, देश विदेश में हिन्दी सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं, अनुवाद की भी सुविधा बढी है।
उन्होंने एक कविता का पाठ किया, “करते हैं तन मन से वंदन, अपनेपन की अभिलाषा का, अभिनन्दन अपनी संस्कृति का, आराधन अपनी भाषा का “।
विश्व हिंदी दिवस पर आयोजित गोष्ठी समाज को एक सार्थक सन्देश देने में सफल रही। इस अवसर पर अनेक हिंदी प्रेमी उपस्थित थे।