देहरादून:- सेलेब्रिटी विज्ञापनों के आकर्षण से आगे बढ़कर ओरिएन्टबैल टाइल्स अपने नए कैंपेन के साथ एक असाधारण यात्रा की शुरूआत करने जा रहा है- यह कैंपेन सदियों पुराने एक सवाल को रोशनी में लाता है, स्टार्स या सब्सटेन्स?
आज के दौर में जहां ब्राण्ड्स उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए सेलेब्स के साथ ग्लैमरस विज्ञापन लेकर आते हैं, वहीं ओरएन्टबैल टाइल्स ने अपने कैंपेन की स्क्रिप्ट को पूरी तरह से बदल दिया हैं। ब्राण्ड का आगामी कैंपेन 100फीसदी टाईल्स और 0 फीसदी सेलेब्स पर आधारित है, वास्तव में यह सिर्फ टाइल्स के बारे में ही है; कुल मिलाकर यह विज्ञापन में प्रमाणिकता की पुष्टि करता है। यह स्टार पावर के नियमों को चुनौती देते हुए प्रोडक्ट के मूल्य पर रोशनी डालता है।
एक ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिए जहां सारी स्पॉलाईट सिर्फ ए-लिस्टर्स नहीं चुरा लेते, बल्कि प्रोडक्ट की कारीगरी, इनोवेशन और गुणवत्ता ही आकर्षण का केन्द्र बन जाते हैं। ओरिएन्टबैल टाइल्स का यही दृष्टिकोण है, जो सेलेब एंडॉर्समेन्ट की ज़रूरत को परे रखकर इस बात पर फोकस करते हैं कि वास्तव में उपभोक्ता को क्या चाहिए- ब्राण्ड उनके लिए टाइल्स की खरीददारी को आसान बनाने के लिए प्रयासरत है।
मात्र 25 फीसदी उपभोक्ताओं का मानना है कि सेलेब्स उन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें वे एंडॉर्स करते हैं। इसके बजाए 50 फीसदी उपभोक्ताओं को लगता है कि सेलेब्स को उन दावों के लिए जवाबदेह होना चाहिए, जो वे विज्ञापनों में करते दिखाई देते हैं।
100 फीसदी टाइल्स और 0 फीसदी सेलेब्स कैंपेन सेलेब एंडोर्समेन्ट के पीछे की प्रमाणिकता पर सवाल उठाता है।
‘‘आज हम एक बोल्ड स्टेटमेन्ट देने जा रहे हैं, सेलेब एंडोर्समेन्ट नहीं, मार्केटिंग में कोई नौटंकी नहीं। ओरिएन्टबैल टाइल्स अपनी योग्यता के दम पर गर्व के साथ अपनी विशेष पहचान बनाएगी तथा फ्लोर एवं वॉल टाइल्स की खरीददारी को आसान बना देगी।’’
यह कैंपेन सिर्फ हमारे ब्राण्ड के बारे में नहीं है, यह बड़े पैमाने पर बातचीत के बारे में हैं- सतही चमक और प्रमाणिकता के बीच चुनाव के बारे हैं।’’ आलोक अग्रवाल, चीफ़ मार्केटिंग ऑफिसर, ओरिएन्टबैल टाइल्स ने कहा।